क्या होगा सरकार का भारतीय छात्रों को लेकर बड़ा फैसला.....
विदेशी डिग्री और अंग्रेजी भाषा का क्रेज हमेशा से ही हिंदुस्तानी लोगों के सिर चढकर बोलता आया है. ओवर आल बात करें तो प्रमुख सर्च इंजन के आंकड़े बताते हैं कि विदेशी छात्रों के लिए अपनी सीमाओं को खोलने के बाद चीन में विदेशी छात्रों की दिलचस्पी में नाटकीय रूप से इजाफा हुआ है. वहीं फॉरेन स्टडी से लिए सबसे पॉपुलर डेस्टिनेशन की बात करें तो दुनियाभर के युवा अब ऑस्ट्रेलिया, यूके और कनाडा को प्राथमिकता दे रहे हैं.
हायर एजुकेशन हासिल करने वाले भारतीयों की संख्या 30 लाख से ज्यादा
हायर एजुकेशन हासिल करने वाले भारतीयों का आंकड़ा पिछले कुछ सालों में 30 लाख के पार हो गया है. केंद्र सरकार ने संसद में बताया है कि विदेश पढ़ने जाने वाले छात्रों की संख्या में बीते साल जबरदस्त इजाफा हुआ है. लोकसभा में दिए गए एक सवाल के जवाब के मुताबिक 2021 की तुलना में 2022 में लगभग 3 लाख अधिक छात्र विदेशी शिक्षा लेने देश से बाहर गए हैं. शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि 2017 से 2022 के दौरान विदेश जाकर हायर एजुकेशन हासिल करने वाले भारतीयों की संख्या 30 लाख से ज्यादा रही है.
इस कैटेगिरी का इंडेक्स नहीं
आपको बताते चलें कि ‘गृह मंत्रालय का आप्रवासन ब्यूरो, भारतीयों के डिपार्चर और अराइवल का डेटा संभालता है. लेकिन उच्च शिक्षा के मकसद से विदेश जाने वाले भारतीयों की कैटेगरी को लेकर कोई इंडेक्स नहीं है. हायर एजुकेशन के लिए विदेश जाने वाले भारतीयों का मकसद या तो उनके द्वारा मौखिक रूप से बताए जाने या इमिग्रेशन क्लियरेंस के समय उनके गंतव्य देश के वीजा के प्रकार के आधार पर मैन्युअल रूप से दर्ज किया जाता है.’
2022 में बढ़ी संख्या
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2022 में विदेश पढ़ने जाने वाले छात्रों की संख्या 7 लाख 50 हजार 365 बताई जा रही है. हालांकि विदेश पढ़ने गए छात्रों द्वारा प्रतिवर्ष किए जा रहे अनुमानित खर्च का कोई अधिकारि ब्यौरा सरकार के पास नहीं है.
देश में विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस खोलने की तैयारी
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बताया है कि विदेशी विश्वविद्यालयों के भारतीय कैंपस खोलने को लेकर यूजीसी ने एक रेगुलेशन ड्राफ्ट किया है और तमाम स्टेकहोल्डर्स की राय मांगी है, जिसकी अंतिम तिथि 20 फरवरी है. एक बार स्टेकहोल्डर्स की राय मिलने के बाद भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस खोलने को लेकर केंद्र सरकार और यूजीसी कोई अहम फैसला ले सकते हैं. अगर सरकार की इस योजना को मंजूरी मिल गई तो आने वाले दिनों में अमेरिका के येल, स्टैनफोर्ड, हार्वर्ड जैसे विश्वविद्यालय और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, ऑक्सफोर्ड किंग्स कॉलेज जैसे ब्रिटिश संस्थान भारत में कैंपस स्थापित कर सकते हैं, जिससे भारतीय छात्रों को विदेश गए बिना शीर्ष शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति मिलेगी.