भोपाल । विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस लोकसभा चुनाव पूरी दमदारी से लड़ रही है। 2019 में एक मात्र छिंदवाड़ा सीट जीतने वाली कांग्रेस इस बार दर्जनभर सीटों पर जीत का दावा कर रही है। हालांकि प्रदेश की 5 सीटों पर भाजपा को कांग्रेस से कड़ी चुनौती मिल रही है। जिन पांच सीटों पर पंजा दमदार नजर आ रहा है उनमें छिंदवाड़ा, मंडला, सतना, राजगढ़ और रतलाम-झाबुआ सीट शामिल है। छिंदवाड़ा, मंडला, सतना और राजगढ़ लोकसभा सीट पर मतदान हो चुका है। वहीं रतलाम-झाबुआ सीट पर 13 मई को मतदान होना है।
गौरतलब है कि भाजपा ने इस बार मिशन 400 पार के तहत मप्र की सभी 29 लोकसभा सीटों को जीतने की रणनीति बनाई है। वहीं कांग्रेस भी दमदारी से मुकाबला कर रही है। इसके लिए भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत सभी प्रदेश के भाजपा नेताओं ने चुनाव अभियान में हिस्सा लिया। कांग्रेस की ओर से राहुल और प्रियंका गांधी के अलावा तीन सभाएं मल्लिकार्जुन खडग़े की भी हुई। प्रदेश में कांग्रेस की ओर से केवल जीतू पटवारी ने ही प्रदेश स्तर पर मोर्चा संभाला। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार कुछ ही सीटों पर सक्रिय नजर आए।

दिग्गजों की साख दांव पर


लोकसभा चुनाव में पार्टियों के साथ ही दिग्गजों की साख भी दांव पर है। प्रदेश में तीन चरणों में 21 लोकसभा सीटों पर मतदान हो चुका है। पहले दो चरणों के बाद तीसरे चरण में मतदान का प्रतिशत निश्चित रूप से बढ़ा है। बची हुई आठ सीटों पर 13 मई को मतदान होगा। यह सभी सीटें इंदौर-उज्जैन संभाग यानी मालवा और निमाड़ अंचल से आती हैं। पहले तीन चरणों के रुझान देखें तो कांग्रेस प्रदेश में छिंदवाड़ा, मंडला, सतना, राजगढ़ सीट पर ही कड़े मुकाबले में दिखाई दी। तीसरे चरण में 9 लोकसभा क्षेत्र में मतदान हुआ। इनमें शिवराज सिंह चौहान की विदिशा, ज्योतिरादित्य सिंधिया की गुना और दिग्विजय सिंह की राजगढ़ लोकसभा सीट शामिल है। इनके अलावा भोपाल, बैतूल, सागर, भिंड, मुरैना और ग्वालियर में भी मतदान संपन्न हो चुका है। इनमें राजगढ़ को लेकर ही इफ एंड बट की स्थिति है। अन्यथा मुरैना में भी रामनिवास रावत के भाजपा में आने के बाद और बहुजन समाज पार्टी की मौजूदगी को देखते हुए भाजपा के शिवमंगल सिंह तोमर के समक्ष अधिक चुनौती नहीं है। राजगढ़ में दिग्विजय सिंह के प्रति निश्चित रूप से सहानुभूति है, उन्होंने परंपरागत तरीके से मैन टू मैन संपर्क कर मुकाबले को बराबरी पर ला दिया है। भाजपा प्रत्याशी रोडमल नागर उनके सामने कहीं नहीं टिकते लेकिन क्योंकि यह लोकसभा चुनाव है और इस चुनाव में राष्ट्रीय मुद्दे हावी हैं इसलिए दिग्विजय सिंह का मुकाबला रोडमल नागर से नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से है। राजगढ़ भाजपा और संघ का पुराना गढ़ है। इसलिए मौजूदा माहौल में दिग्विजय सिंह का जीतना एक करिश्मा माना जाएगा। भोपाल, सागर, बैतूल, ग्वालियर, विदिशा, गुना और भिंड जैसी सीटों पर भाजपा को आसान जीत मिलने की स्थिति है। भिंड में संध्या राय के खिलाफ लोकल एंटी इनकंबेंसी फेक्टर तीव्र था, लेकिन जीतू पटवारी के इमरती देवी के खिलाफ दिए गए बयान ने सब गुड़ गोबर कर दिया। वहां के कांग्रेस प्रत्याशी फूल सिंह बरैया का इतिहास ऐसा है कि उन्हें सवर्ण मतदाता पसंद नहीं करता। इसलिए संध्या राय की जीत में कोई दिक्कत नहीं है। चौथे चरण में मध्य प्रदेश का चुनाव मालवा और निमाड़ अंचल में सिमट जाएगा। तीसरे चरण में मतदान के बाद मध्य प्रदेश की 21 लोकसभा सीटों पर वोट पड़ चुके हैं। इनमें से केवल छिंदवाड़ा, मंडला, सतना और राजगढ़ में ही कांग्रेस चुनाव लड़ती दिखी। चौथे चरण की रतलाम-झाबुआ पर भी कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया भाजपा को कड़ी टक्कर देते लग रहे हैं। कुल मिलाकर मध्य प्रदेश में कांग्रेस 2004 के परिणाम दोहरा सकती है। उस समय कांग्रेस को चार और भाजपा को 25 सीटें जीतने में सफलता मिली थी।

कुछ सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला


प्रदेश की अधिकांश सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है। वहीं कुछ सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला है। पहले दो चरणों की छिंदवाड़ा, मंडला और सतना की सीटों पर भाजपा को चिंता है। इन तीनों सीटों पर कांग्रेस ने अच्छी टक्कर दी है। सतना में कांग्रेस के प्रत्याशी सिद्धार्थ कुशवाहा अपने आप में बहुत ताकतवर है। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी के नारायण त्रिपाठी के कारण भी भाजपा को नुकसान हुआ है। मंडला की सीट पर फग्गन सिंह कुलस्ते के खिलाफ जबरदस्त नाराजगी थी। मंडला के लिए विशेष रूप से राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश ने तीन दिनों तक कैंप किया था। सूत्रों का कहना है कि तमाम प्रयासों के बावजूद मंडला की सीट फंसी हुई सीटों की श्रेणी में है। छिंदवाड़ा में कमलनाथ फिर करिश्मा करने की स्थिति में है। ग्वालियर चंबल अंचल की मुरैना सीट पर नीटू सिकरवार भाजपा प्रत्याशी शिवमंगल सिंह तोमर के मुकाबले मजबूत हैं लेकिन यहां बसपा की उपस्थिति कांग्रेस को नुकसान पहुंचा रही है। ग्वालियर में सतीश सिकरवार और शोभा सिकरवार के अलावा राज्यसभा सांसद अशोक सिंह का भी पूरा सहयोग कांग्रेस प्रत्याशी प्रवीण पाठक को नहीं मिला है। जबकि भिंड और गुना में भाजपा अच्छी स्थिति में है। भोपाल, होशंगाबाद, विदिशा, दमोह, सागर जैसी सीटों को भाजपा पूरी तरह से सेफ मान रही है। चौथे चरण में जिन आठ सीटों पर मतदान होगा उनमें केवल रतलाम झाबुआ में भाजपा को टेंशन है। अन्यथा इंदौर, उज्जैन, मंदसौर, खंडवा, खरगोन, धार और देवास सीट पर भाजपा आसानी से जीत दर्ज करने की स्थिति में है।