अंगूठे पर हो ये लकी निशान तो पैसे वाला बनता है व्यक्ति
हथेलियां इंसान की कुंडली की फोटो कॉपी होती हैं. हाथ का सही अध्ययन करके आप कुंडली के ग्रहों के बारे में जान सकते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हाथ में सबसे महत्वपूर्ण अंगूठा होता है.
अंगूठे का सही अध्ययन करके व्यक्ति के जीवन और भावनाओं के बारे में पता लगाया जा सकता है. अंगूठे से व्यक्ति का मन और धन की स्थिति को सबसे आसानी से जान सकते हैं. किसी कार्य को करने में व्यक्ति की लगन कितनी है, यह भी अंगूठे से पता किया जा सकता है.
अंगूठे की सामान्य विशेषताएं
सामान्य तौर पर अंगूठे में दो पर्व (पोर) होते हैं. अंगूठे में तीन पर्व होना बहुत ज्यादा शुभ होता है. पहला पर्व इच्छा शक्ति का होता है. दूसरा पर्व ज्ञान और तर्क का होता है. वहीं, तीसरा पर्व अंतर्ज्ञान का होता है. इस पर्व पर कभी कभी दिव्य नेत्र भी होता है, जिसे कुछ लोग यव भी कहते हैं. जो पर्व जितना बड़ा होता है, व्यक्ति के अंदर वह शक्ति उतनी ही ज्यादा होती है.
क्या कहता है अंगूठे का आकार?
हस्तरेखा शास्त्र के जानकारों को कहना है कि लम्बा अंगूठा होने पर व्यक्ति बहुत ज्यादा बुद्धिमान होता है. अपना प्रभाव बनाए रखना चाहता है. समकोण का अंगूठा व्यक्ति को कलाकार और भावुक बनाता है. ऐसे लोगों के अंदर सृजन की अद्भुत क्षमता होती है. अधिक कोण का अंगूठा व्यक्ति को दैवीय बना देता है. ऐसे लोग नियंत्रण और बुद्धिमानी के प्रतीक होते है. वहीं, छोटा अंगूठा व्यक्ति को क्रोधी और सनकी बनाता है. ऐसे अंगूठे वाले व्यक्ति कभी कभी अपराधी भी हो जाते हैं.
अंगूठे के कारण आए मुश्किल तो क्या करें
अगर अंगूठे के कारण जीवन में समस्याएं आने लगें तो हथेलियों के दर्शन करें. अपने स्वभाव और खान पान पर नियंत्रण रखें. ज्ञान मुद्रा का सुबह और शाम के समय अभ्यास करें. अंगूठे से चंदन का तिलक भगवान को लगाएं. अंगूठे में बिना जोड़ का चांदी का छल्ला धारण करें.
अंगूठे पर लकी निशान
समुद्रशास्त्र के अनुसार, हथेली पर मिलने वाले तीसरे पर्व यानी अंगूठे के आधार पर अगर यव का निशान दिखाई दे तो इसे बड़ा ही शुभ माना जाता है. अंगूठे पर यह यर्व किसी आंख की तरह दिखाई देता है. ऐसा कहते हैं कि अगर यव की संख्या तीन है तो ये एक तरह का राज योग होता है. ऐसे लोग बड़े ही धनवान होते हैं. यदि ये यव पूरे अंगूठे को घेर ले तो ऐसे इंसान का जीवन राजा के समान होता है. ऐसे लोगों को जीवन में खूब मान-सम्मान पद-प्रतिष्ठा पाते हैं.