युवाओं में तेजी से बढ़ रही है फैटी लिवर की समस्या....
नई दिल्ली। हर साल 19 अप्रैल को World Liver Day मनाया जाता है। इस दिन लिवर से जुड़ी बीमारियों और उनसे बचाव के बारे में लोगों को जागरूक बनाने के लिए प्रयास किए जाते हैं। लिवर से जुड़ी बीमारियों में नॉन एल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) सबसे कॉमन बीमारी है, जिससे दुनियाभर में लाखों की संख्या में लोग पीड़ित हैं।
इस बीमारी के मामले भी पहले की तुलना में काफी बढ़ चुके हैं। The Children of the 90s नाम की एक स्टडी के मुताबिक, युवाओं में फैटी लिवर के मामले काफी अधिक देखने को मिलते हैं। इसलिए फैटी लिवर के क्या रिस्क फैक्टर्स हो सकते हैं और कैसे बचाव किया जा सकता है, इस बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं फैटी लिवर के जोखिम कारक और बचाव के तरीके।
क्या हैं फैटी लिवर के रिस्क फैक्टर्स?
- मोटापा
- कोलेस्ट्रॉल अधिक होना
- ब्लड में ट्राइग्लीसराइड लेवल ज्यादा होना
- स्लीप एपनिया
- पीसीओएस
- टाइप-2 डायबिटीज
- मेटाबॉलिक सिंड्रोम
- शराब पीना
- हाइपोथायरॉइडिज्म
कैसे कर सकते हैं बचाव?
- हेल्दी डाइट- डाइट में प्रोसेस्ड फूड्स, शुगरी डाइट या जंक फूड की मात्रा ज्यादा होने की वजह से फैटी लिवर का जोखिम काफी बढ़ जाता है। इसलिए अपनी डाइट में साबुत अनाज, हरी सब्जियां, फल, दही, फिश, बीन्स, चिकन, अंडे आदि शामिल करें। इसके साथ ही, भरपूर मात्रा में पानी पीना भी काफी जरूरी है।
- हेल्दी वजन- वजन ज्यादा होने की वजह से फैटी लिवर का खतरा बढ़ता है। इसलिए हेल्दी वजन मेंटेन करना बेहद जरूरी है। इसके लिए हेल्दी डाइट लेना और एक्सरसाइज करना जरूरी है।
- एक्सरसाइज- एक्सरसाइज करने से बॉडी का फैट कम होता है और मेटाबॉलिज्म एक्टिव होता है। साथ ही, लंबे समय तक एक ही जगह बैठे न रहें, बीच में थोड़ी-थोड़ी देर ब्रेक लें।
- कोलेस्ट्रॉल लेवल मैनेज करें- कोलेस्ट्रॉल लेवल का नियमित चेकअप और उसे मैनेज करने के लिए हेल्दी डाइट फॉलो करें।
- ब्लड शुगर कंट्रोल- ब्लड शुगर लेवल बढ़ना लिवर के लिए काफी खतरनाक हो सकता है। इसलिए ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करना काफी जरूरी है।
- शराब पीना- शराब पीने की वजह से लिवर से जुड़ी कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं, जिसमें फैटी लिवर से लेकर लिवर कैंसर तक शामिल हैं। इसलिए शराब का सेवन न करें। साथ ही, तंबाकू और उसके पदार्थों से परहेज करना भी लिवर के लिए फायदेमंद हो सकता है।