पोटैशियम की कमी से हृदय गति पर होता है असर....
हृदय की गति में असामान्यता के कारण कई प्रकार की गंभीर बीमारियों के विकसित होने का खतरा रहता है। सामान्य रूप से वयस्कों के लिए रेस्टिंग हार्ट रेट 60 से 100 बीट प्रति मिनट तक होती है। इसमें होने वाली कमी या अधिकता, दोनों ही स्थिति गंभीर समस्याओं का संकेत मानी जाती है। हृदय गति का सामान्य से लगातार अधिक बने रहना हार्ट अटैक जैसी जानलेवा स्थितियों का भी कारण बन सकता है।
पोटेशियम कई खाद्य पदार्थों में स्वाभाविक रूप से पाया जाता है। हमारी कोशिकाओं के अंदर द्रव के सामान्य स्तर को बनाए रखने और रक्तचाप को कंट्रोल करने में इसकी भूमिका होती है। इसके अलावा पोटेशियम मांसपेशियों के कॉट्रेक्शन और हार्टरेट को सामान्य बनाए रखने के लिए भी आवश्यक है। आइए जानते हैं कि इसकी कमी में किस प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं, तथा इसकी पूर्ति के लिए क्या किया जाना चाहिए?
पोटैशियम की कमी के कारण होने वाली समस्याएं : आहार में पोटैशियम वाली चीजों की मात्रा कम होने के कारण इसके स्तर में कमी आ सकती है, इस स्थिति को मेडिकल की भाषा में हाइपोकैलेमिया भी कहते हैं। पोटेशियम ऐसा आवश्यक खनिज है जो शरीर में तरल पदार्थों को नियंत्रित करने, मांसपेशियों और तंत्रिकाओं को ठीक से काम करते रहने में मदद करता है। शरीर में इसकी कमी हो जाने के कारण रक्तचाप और हृदय की गति प्रभावित हो जाती है। समय रहते इस समस्या का उपचार न होने के कारण हृदय पंप करना बंद कर सकता है, जोकि जानलेवा स्थिति मानी जाती है।
पोटैशियम के लिए खाएं केला : वयस्कों के लिए प्रतिदिन 1600 से 2000 मिलीग्राम की मात्रा में पोटैशियम की आवश्यकता होती है। कई प्रकार के फलों-सब्जियों से इसे प्राप्त किया जा सकता है। केला, पोटैशियम के सबसे अच्छे स्रोतों में से एक हैं। एक केले में 451 मिलीग्राम तक पोटैशियम होता है। प्रतिदिन दो-तीन केले आपके दैनिक जरूरतों को आसानी से पूरा कर सकते हैं।
नारियल पानी भी विशेष लाभकारी : नारियल पानी को हाइड्रेटिंग पेय के रूप में जाना जाता है, यह इलेक्ट्रोलाइट्स के संतुलन को बनाए रखने के लिए सबसे अच्छा पेय हो सकता है। नारियल पानी के नियमित सेवन से पोटैशियम के साथ शरीर के लिए मैग्नीशियम, सोडियम और मैंगनीज जैसे अति आवश्यक तत्वों की भी आसानी से पूर्ति की जा सकती है। नारियल पानी आपको ऊर्जा देने के साथ पोषक तत्वों की पूर्ति करने में काफी कारगर है।