निष्क्रिय या बंद पड़ी कंपनियों पर सरकार की संख्ती जारी है। अब सरकार ऐसी ही 35 हजार कंपनियों को अपने आधिकारिक रिकॉर्ड से हटाने जा रही है। इन मृत कंपनियों ने दिसंबर के अंत तक अपना वार्षिक रिटर्न दाखिल नहीं किया है। सरकार ने 2020 में कंपनियों के रजिस्ट्रार के डाटाबेस से हटाने की प्रक्रिया शुरू की थी। तब कंपनियों के लिए एक नई शुरुआत योजना लागू की गई थी। इसके तहत व्यवसायों को पूरी तरह से अनुपालन करने वाली कंपनी के रूप में शुरुआत के लिए डिफॉल्ट की अवधि की परवाह किए बगैर फाइलिंग संबंध चूक को दुरुस्त करने की अनुमति दी गई थी। तब कई कंपनियों ने आधिकारिक रिकॉर्ड से हटाने को अधिकरण में चुनौती दी थी।कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के अनुसार, सुनवाई के बाद ऐसी कंपनियों को लेट फीस की अदायगी के बाद आधिकारिक रिकॉर्ड में फिर से शामिल किया गया था। लगातार दो साल तक वार्षिक रिटर्न फाइल नहीं करने वाली कंपनियों को आधिकारिक डाटाबेस से हटा दिया जाता है। कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय अगले कुछ महीनों में एक नया अनुपालन पोर्टल (एससीए21) शुरू करने जा रहा है। यह पोर्टल आर्टिफियल इंटेलीजेंस (एआई) तकनीक पर आधारित होगा और कॉरपोरेट अनुपालन के ट्रेंड से जुड़े डाटा का विश्लेषण करेगा। साथ ही यह रेगुलेटरी या पॉलिसी से जुड़ी चिंताओं की पहचान करेगा।