चुनावी साल में अधिकतर जगह प्रापर्टी के दाम बढ़ना मुश्किल
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भोपाल । वित्तीय वर्ष 2023-24 की कलेक्टर गाइडलाइन को लेकर एक बार प्रस्ताव बन चुका है। इसमें शहर की 4100 में से 100 लोकेशन पर पांच से 15 प्रतिशत प्रापर्टी के दाम में वृद्धि करना प्रस्तावित है। इस प्रस्ताव को लेकर उप जिला मूल्यांकन समिति की पहली बैठक भी हुई थी। इसके बाद पंजीयन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रस्ताव को वापस बुला लिया था। इस लेकर चर्चा हैं कि चुनावी साल को देखकर प्रस्ताव में संशोधन किया जा रहा है कि कुछ लोकेशन को घटाने-बढ़ाने के साथ ही दाम भी कम ज्यादा करने की तैयारी की जा रही है। दरअसल, चालू वित्तीय वर्ष में शहर की 500 लोकेशन पर 20 प्रतिशत तक प्रापर्टी के दाम बढ़ाए गए थे। इसके बाद में पहले से महंगी संपत्तियां खरीदना और महंगा हो सकता था, लेकिन शासन चुनावी वर्ष में राहत देने की तैयारी में है। इसकारण गाइडलान की बैठक टलती जा रही है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 की नई कलेक्टर गाइडलाइन में प्रापर्टी की दरें तय करने के लिए पंजीयन मुख्यालय ने जो शेड्यूल जारी किया था, उसके अनुसार 10 मार्च तक प्रस्तावित कलेक्टर गाइडलाइन का मसौदा तैयार किया जाना था। साथ ही जिला मूल्यांकन समिति से अनुमोदन कराने के बाद केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड को भेजना था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका है। कारण है कि अभी तक उप जिला मूल्यांकन समिति की बैठक ही नहीं हो सकी है।
दरअसन पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सरकार ने कलेक्टर गाइडलाइन में राहत देने की घोषणा की थी। कांग्रेस सरकार बनने के बाद दो साल तक कलेक्टर गाइडलाइन नहीं बढ़ी थी। अब एक बार फिर चुनाव हैं, इसके बाद सरकार पर जनता को राहत देने का दबाव भी है। कारण है कि राजधानी जिले में कलेक्टर गाइडलाइन पहले से ही काफी अधिक है। यही कारण है कि हर बार दरें बढ़ाने का विरोध होता है। इस बार अगर बढ़ोतरी की जाती है तब जनता के साथ ही विपक्ष भी सरकार को घेर सकता है। इसी वजह से गाइडलाइन बनने में अधिकारियों को अधिक मशक्कत करनी पड़ रही है।