एलर्जिक राइनाइटिस: क्या है और इसके कारण क्या होते हैं?
आजकल प्रदूषण और मौसम बदलने के चलते सुबह उठते ही लगातार छीकें आनी शुरू हो जाती है. लेकिन इसकी एक और भी वजह हो सकती है जिसे एलर्जिक राइनाइटिस कहते हैं जिसे हे फीवर के नाम से भी जाना जाता है. ये एक एलर्जिक स्थिति है जिसमें छींकें, नाक बंद होना, नाक में खुजली और आंखों से पानी आने लगता है. एलर्जिक राइनाइटिस किसी को भी हो सकती है और इसके होने के पीछे भी कई वजहें हैं. अगर इसके लक्षण बढ़ जाएं तो मरीज को काफी परेशानी भी हो सकती है. एलर्जिक राइनाइटिस की समस्या खासकर सुबह उठते ही देखने को मिलती है जिसके बाद एक के बाद एक छींकें आनी शुरू हो जाती है. ये नाम में पराग, धूल मिट्टी के कण जाने से भी हो सकती है. इसमें हवा में मौजूद काफी छोटे कणों से भी एलर्जी हो जाती है. ये छोटे कण जब नाक और मुंह से अंदर जाते हैं तो छींके आना शरू हो जाती है.
एलर्जिक राइनाइटिस के लक्षण
- लगातार छींके आना.
- नाक बंद होना.
- नाक, गले, मुंह और आंख में जलन होना.
- नाक बहना.
- नाक, गले औक आंखों में खुलजी होना.
- आंखें लाल या पानी से भरी होना.
- सिरदर्द, साइनस और आंखों के नीचे काले घेरे होना.
- नाक और गले में बलगम बनना.
- अत्याधिक थकान होना.
- गले में खराश होना.
- घरघराहट भरी खांसी और सांस लेने में परेशानी होना शामिल है.
एलर्जिक राइनाइटिस होने की वजहें
डॉ. सुभाष गिरी बताते हैं कि कई इनडोर और कई आउटडोर एलर्जी के कारण एलर्जिक राइनाइटिस हो जाती है. इसको ट्रिगर करने में पेड़, पौधों, खरपतवार से निकलने वाले पराग के कण, पालतु पशुओं की रूसी, मोल्ड बीजाणु, धूल के छोटे कण शामिल हैं. इसके अलावा अलग-अलग मरीज को अलग-अलग चीजें ट्रिगर कर सकती हैं. एलर्जिक राइनाइटिस खासकर बदलते मौसम, बढ़ते प्रदूषण, वसंत और शुरुआती परझड़ के समय ज्यादा होती है क्योंकि इस समय हवा में पराग के कण बढ़ जाते हैं. कई बार ये पालतू पशुओं के बालों और रूसी की वजह से भी हो सकती है.
एलर्जिक राइनाइटिस से बचाव
- चेहरे को बार-बार छून से बचें.
- आंखों और नाक को ज्यादा न रगड़ें.
- जब प्रदूषण बढ़ जाए या हवा में ज्यादा पराग कण हो तो घर में ज्यादा रहने की कोशिश करें और घर के दरवाजें और खिड़कियां बंद रखें.
- धूल से बचाव के लिए तकिए, गद्दों और बिस्तर को साफ रखें और कवर चढ़ाकर ही रखें.
- पालतू जानवरों से भी दूरी बनाएं. उन्हे अपने बिस्तर में न आने दें.
- घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें.
- घर में घूप, अगरबत्ती जलाने से बचें.
- अपने हाथों को साफ रखें और साफ पानी से धोते रहें.
- बाहर निकलते समय आखों और गले को बचाने के लिए चश्मे और मॉस्क का इस्तेमाल करें.
- घर आकर अपने कपड़े बदलें.