गिरफ्तारी का प्रावधान सिंह पर इसलिए नहीं होता लागू, वह भाजपा के हैं सांसद: सांसद कपिल सिब्बल
नई दिल्ली । राजधानी दिल्ली में जंतर-मंतर पर पहलवानों ने जमकर प्रदर्शन किया, फिर भी सरकार कोई सुध नहीं ले रही है। विपक्षी दल हमलावर बने हुए हैं। वहीं राज्यसभा के सदस्य कपिल सिब्बल ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के मुद्दे पर बुधवार को सरकार की आलोचना की और सवाल उठाया कि पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) कानून और इसके तहत तत्काल गिरफ्तारी का प्रावधान सिंह पर इसलिए लागू नहीं होता क्योंकि वह भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं।
कपिल सिब्बल की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब एक दिन पहले ही विरोधी प्रदर्शन कर रहे पहलवान ओलंपिक सहित तमाम अन्य पदक गंगा में विसर्जित करने की धमकी देते हुए हरिद्वार पहुंच गईं। हालांकि किसान नेताओं के समझाने-बुझाने के बाद उन्होंने ऐसा नहीं किया। किसान संगठनों ने उनकी समस्याओं को हल करने के लिए पांच दिन का समय मांगा है।ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ काई कार्रवाई न होने के विरोध में हरिद्वार के प्रसिद्ध हर की पौड़ी पहुंचे थे।
सांसद कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया कि क्या पॉक्सो (यौन शोषण से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज होने और 164 बयान दर्ज किए जाने के बाद तत्काल गिरफ्तारी बृजभूषण शरण सिंह के अलावा सभी आरोपियों पर लागू होती है, क्योंकि वह भाजपा से ताल्लुक रखते हैं, प्रतिष्ठित महिला पहलवान कोई मायने नहीं रखते, आपके लिए क्या सिर्फ वोट मायने रखता है। सरकार को कोई परवाह नहीं है। सिब्बल ने सवाल किया कि क्या यही मेरा नया भारत है? संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की पहली और दूसरी सरकार के दौरान केंद्रीय मंत्री रहे सिब्बल ने पिछले साल मई में कांग्रेस छोड़ दी थी।
समाजवादी पार्टी के समर्थन से सिब्बल राज्यसभा के निर्दलीय सदस्य निर्वाचित हुए थे। उन्होंने हाल में ‘इंसाफ नामक एक मंच शुरू किया है।सिब्बल के अनुसार ‘इंसाफ मंच का उद्देश्य अन्याय से लड़ना है। दिल्ली पुलिस ने पिछले महीने सिंह के खिलाफ दो प्राथमिकियां दर्ज की थी। पहली प्राथमिकी एक नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है, जो यौन शोषण से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता की शील भंग करने से संबंधित धाराओं के तहत दर्ज की गई है। दूसरी प्राथमिकी शील भंग करने के मामले में व्यस्कों की शिकायत पर दर्ज की गई है। दिल्ली पुलिस ने 28 मई को पहलवानों के मार्च निकालने की कोशिश के दौरान मलिक के साथ विश्व चैंपियनशिप की कांस्य विजेता विनेश और ओलंपिक पदक विजेता बजरंग को हिरासत में लिया था। बाद में कानून-व्यवस्था के उल्लंघन के लिए पहलवानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।